भारत बनाम इंग्लैंड अंतिम टेस्ट, द ओवल में महासंग्राम: भारत-इंग्लैंड के बीच निर्णायक टेस्ट की बिसात

भारत बनाम इंग्लैंड अंतिम टेस्ट, द ओवल में महासंग्राम: भारत-इंग्लैंड के बीच निर्णायक टेस्ट की बिसात

बात हो रही है भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही ‘एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी’ के पांचवें और आखिरी टेस्ट मैच की, जो लंदन के ऐतिहासिक द ओवल मैदान पर आज से शुरू हो रहा है। सीरीज में इंग्लैंड 2-1 से आगे है और भारतीय टीम इस मैच को जीतकर सीरीज को 2-2 से बराबर करने के लिए बेताब है। यह सिर्फ एक मैच नहीं बल्कि दोनों टीमों के लिए सम्मान, रणनीति और जुझारूपन का इम्तिहान है।

पिच का मिजाज: क्या कहती है ओवल की हरी-भरी पट्टी?

जब बात ओवल की आती है, तो जेहन में एक ऐसी पिच की तस्वीर बनती है जो शुरुआत में तेज गेंदबाजों को मदद देती है, लेकिन धीरे-धीरे बल्लेबाजों के लिए स्वर्ग बन जाती है, और फिर पांचवें दिन स्पिनर्स भी खेल में आ जाते हैं। इस बार भी, टॉस से पहले पिच पर घास की अच्छी-खासी परत दिख रही है, जो इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों को उत्साहित कर रही होगी। हालांकि, इतिहास बताता है कि ओवल में अक्सर अंतिम टेस्ट मैच बल्लेबाजों के अनुकूल विकेट पर खेले जाते हैं। उम्मीद है कि मैच शुरू होने से पहले घास को थोड़ा काटा जाएगा, जिससे विकेट अधिक संतुलित हो जाएगा। अगर घास वैसी ही रहती है, तो दोनों टीमें गति-भारी लाइन-अप के साथ उतर सकती हैं, लेकिन अगर पिच आसान हो जाती है, तो बल्लेबाजी का दबदबा रहेगा।

ओवल ने अब तक 112 टेस्ट मैचों की मेजबानी की है। यहां पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ने 40 मैच जीते हैं, जबकि दूसरी बल्लेबाजी करने वाली टीम ने 30 मैच जीते हैं, और 37 मैच ड्रॉ रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि इस मैदान पर स्पिनर्स का औसत 25 है, जो इंग्लैंड के सभी टेस्ट वेन्यू में सबसे बेहतर है। यानी, जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ेगा, रविंद्र जडेजा और शायद कुलदीप यादव जैसे स्पिनर्स का जलवा देखने को मिल सकता है।

इंग्लैंड की तैयारी और टीम कॉम्बिनेशन: बेन स्टोक्स की कमी कौन भरेगा?

इंग्लैंड की टीम मैनचेस्टर में सीरीज खत्म करने में नाकाम रहने के बाद निराश होगी, जबकि उन्होंने मैच के बड़े हिस्से में दबदबा बनाए रखा था। उनकी सबसे बड़ी चिंता उनके तेज गेंदबाजी आक्रमण को लेकर है। ब्रायडन कार्स और क्रिस वोक्स ने अब तक सभी चार टेस्ट खेले हैं, और थकान को ध्यान में रखते हुए, इंग्लैंड ने अपने गेंदबाज ब्रायडन कार्स को आराम दिया है। लेकिन इससे भी बड़ी चुनौती है कप्तान बेन स्टोक्स का कंधे की चोट के कारण बाहर होना। यह इंग्लैंड के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि स्टोक्स न केवल एक कप्तान के रूप में बल्कि एक ऑलराउंडर के रूप में भी टीम के लिए महत्वपूर्ण थे। उनकी जगह ओली पोप कप्तानी संभालेंगे।

इंग्लैंड ने अपनी प्लेइंग इलेवन में चार बदलावों की घोषणा की है, जो दर्शाता है कि वे इस निर्णायक मुकाबले को कितनी गंभीरता से ले रहे हैं। जैकब बेथेल, गस एटकिंसन, जेमी ओवरटन और जोश टंग को बेन स्टोक्स, ब्रायडन कार्स, जोफ्रा आर्चर और लियाम डॉसन की जगह टीम में शामिल किया गया है। इसका मतलब है कि उनके तेज गेंदबाजी आक्रमण में नई ऊर्जा देखने को मिलेगी। जैकब बेथेल के आने से बल्लेबाजी में भी गहराई आएगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि बिना स्टोक्स के इंग्लैंड किस तरह भारतीय चुनौती का सामना करता है।

भारत की तैयारी और टीम कॉम्बिनेशन: गेंदबाजी में बदलाव तय

भारतीय टीम ने मैनचेस्टर में चौथे टेस्ट को ड्रॉ करने में शानदार प्रदर्शन किया, विशेषकर तब जब वे 311 रन की बढ़त का पीछा करते हुए शून्य रन पर दो विकेट गंवा चुके थे। यह टीम के जुझारूपन को दर्शाता है। हालांकि, मैनचेस्टर में भारतीय गेंदबाजी में धार की कमी दिखी और डेब्यू करने वाले अंशुल कंबोज को गति और नियंत्रण के लिए संघर्ष करना पड़ा। ऐसे में पांचवें टेस्ट के लिए गेंदबाजी संयोजन में बदलाव तय है।ऋषभ पंत चोट के कारण बाहर हैं, और उनकी जगह ध्रुव जुरेल विकेटकीपर के रूप में वापसी करेंगे। जुरेल ने रांची में पिछले टेस्ट में शानदार बल्लेबाजी की थी, और वह आत्मविश्वास से भरे होंगे।

गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह को आराम दिए जाने की संभावना है, क्योंकि उन्होंने सीरीज में काफी गेंदबाजी की है और टीम प्रबंधन उन्हें चोटिल होने का जोखिम नहीं उठाना चाहेगा। उनकी जगह आकाश दीप या अर्शदीप सिंह को मौका मिल सकता है, जिन्हें टेस्ट डेब्यू का इंतजार है। अर्शदीप की स्विंग और नियंत्रित लंबाई भारत के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। मोहम्मद सिराज ने भी सभी चार टेस्ट खेले हैं, और उन पर भी कार्यभार का दबाव हो सकता है।कुलदीप यादव, जो अब तक बेंच पर बैठे रहे हैं, को इस टेस्ट में मौका मिल सकता है। ओवल की पिच स्पिनरों के लिए सहायक हो सकती है, और कुलदीप अपनी कलाई की स्पिन से इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशान कर सकते हैं। शार्दुल ठाकुर की जगह भी कुलदीप को प्राथमिकता दी जा सकती है, क्योंकि शार्दुल गेंदबाजी में उतने प्रभावी नहीं रहे हैं। बल्लेबाजी क्रम में कोई बड़ा बदलाव होने की उम्मीद नहीं है; शुभमन गिल की अगुवाई में शीर्ष क्रम मजबूत दिख रहा है।

कुछ दिलचस्प आंकड़े: कौन किस पर भारी?

कुल टेस्ट मैच:

भारत और इंग्लैंड के बीच अब तक 140 टेस्ट मैच खेले गए हैं। भारत ने 36 जीते हैं, इंग्लैंड ने 53 जीते हैं, और 51 मैच ड्रॉ रहे हैं।

ओवल में हेड-टू-हेड:

ओवल में दोनों टीमों के बीच 14 टेस्ट खेले गए हैं। भारत ने केवल 2 जीते हैं, इंग्लैंड ने 6 जीते हैं, और 6 ड्रॉ रहे हैं।

शुभमन गिल का फॉर्म:

शुभमन गिल इस सीरीज में शानदार फॉर्म में हैं। वह 722 रनों के साथ अग्रणी रन-स्कोरर हैं, जिसमें 4 शतक शामिल हैं। उन्होंने कप्तान के रूप में अपनी पहली टेस्ट सीरीज में चार शतक लगाकर डॉन ब्रैडमैन और सुनील गावस्कर जैसे दिग्गजों की बराबरी की है।

जो रूट का मील का पत्थर:

जो रूट ने मैनचेस्टर टेस्ट में 150 रन बनाकर टेस्ट क्रिकेट में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं, केवल सचिन तेंदुलकर से पीछे। ओवल में उनका रिकॉर्ड भी शानदार है, जहां उन्होंने 793 रन बनाए हैं, जिसमें 2 शतक और 4 अर्धशतक शामिल हैं।

टीमों के न्यूनतम स्कोर ओवल में:

इंग्लैंड का ओवल में सबसे कम टीम टोटल 52 रन (1948) है, जबकि  भारत का ओवल में सबसे कम टोटल 94 रन (2014) है।

इस मैच को लेकर  मेरा अनुमान :

यह मैच दोनों टीमों के लिए एक मानसिक युद्ध होगा। इंग्लैंड, अपने घर में खेल रहा है और सीरीज जीतने के लिए बेताब होगा। स्टोक्स की अनुपस्थिति उन्हें प्रभावित कर सकती है, लेकिन ओली पोप की युवा कप्तानी और नए खिलाड़ियों का जोश उन्हें फायदा पहुंचा सकता है।

वहीं, भारतीय टीम मैनचेस्टर में मिली सकारात्मकता को भुनाना चाहेगी। शुभमन गिल की कप्तानी में टीम एकजुट दिख रही है, और भारतीय गेंदबाजों को ओवल की परिस्थितियों का फायदा उठाना होगा। अगर भारतीय गेंदबाज शुरुआती स्विंग का सामना कर लेते हैं और मध्यक्रम रन बनाता है, तो उनके पास सीरीज बराबर करने का सुनहरा मौका होगा।

मेरा मानना है कि इस मैच में भारतीय टीम के पास एक बेहतरीन मौका है। जिस तरह से उन्होंने मैनचेस्टर में वापसी की, वह उनके आत्मविश्वास को दर्शाता है। अगर वे टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हैं और बड़ा स्कोर खड़ा करते हैं, तो इंग्लैंड पर दबाव बनाना आसान होगा। यह सिर्फ आंकड़ों और रणनीतियों का खेल नहीं, बल्कि धैर्य, संकल्प और दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता का भी खेल है।

मैं एक क्रिकेट प्रशंसक के रूप में इस रोमांचक मुकाबले का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूँ। उम्मीद है कि यह एक क्लासिक टेस्ट मैच होगा, जो क्रिकेट के इतिहास में अपनी छाप छोड़ेगा। कौन जीतेगा, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि रोमांच अपने चरम पर होगा! बने रहिए और क्रिकेट के इस महासंग्राम का लुत्फ उठाइए।

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