भारत बनाम इंग्लैंड, पांचवां टेस्ट, दूसरा दिन:ओवल की रोमांचक कहानी का दूसरा दिन

भारत बनाम इंग्लैंड, पांचवां टेस्ट, दूसरा दिन:ओवल की रोमांचक कहानी का दूसरा दिन- लंदन के ओवल मैदान पर चल रही भारत बनाम इंग्लैंड की पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ का आखिरी और निर्णायक मैच, दूसरे दिन एक ऐसा रोमांचक मोड़ लेकर आया, जिसकी उम्मीद शायद किसी ने नहीं की थी। हम जैसे क्रिकेट प्रेमियों के लिए, जो टीवी के सामने बैठे हर गेंद पर अपनी धड़कनें महसूस करते हैं, यह दिन किसी रोलरकोस्टर राइड से कम नहीं था। सुबह की शुरुआत में जहां भारतीय टीम बुरी तरह लड़खड़ाती नजर आई, वहीं शाम होते-होते उसने एक ऐसी वापसी की, जिसने हर भारतीय के चेहरे पर मुस्कान ला दी।

सुबह का सन्नाटा और निराशा का बादल

दूसरे दिन का खेल शुरू हुआ तो उम्मीद थी कि करुण नायर और वाशिंगटन सुंदर अपनी कल की साझेदारी को आगे बढ़ाएंगे और भारत को एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाएंगे। लेकिन क्रिकेट के खेल में ‘उम्मीद’ शब्द बहुत बार गलत साबित होता है, और आज भी ऐसा ही हुआ। इंग्लैंड के तेज गेंदबाज गस एटकिंसन ने एक के बाद एक चार विकेट झटककर भारतीय पारी को मात्र 224 रनों पर समेट दिया। यह निराशाजनक था।

कल का 204/6 का स्कोर 224 पर ऑलआउट होने की कहानी बता रहा था कि हमारे निचले क्रम के बल्लेबाज एक बार फिर संघर्ष करते नजर आए। एटकिंसन ने 5 विकेट लेकर अपनी टीम को एक मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया। मुझे याद है, मेरे दोस्त ने तुरंत फोन करके कहा, “लगता है मैच हाथ से निकल रहाहै,”” और उसकी बात में दम था। 224 का स्कोर, इंग्लैंड की बल्लेबाजी की ताकत को देखते हुए काफी कम लग रहा था।

इंग्लिश बल्लेबाजों का आक्रामक तेवर

भारत की पारी समाप्त होते ही इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज बेन डकेट और ज़ैक क्रॉली ने मानो आग लगा दी। दोनों ने आते ही भारतीय गेंदबाजों पर हमला बोल दिया। उनके बल्ले से निकले हर शॉट में एक अलग ही आत्मविश्वास था। डकेट ने तेजी से 43 रन बनाए, तो वहीं क्रॉली ने अपना अर्धशतक पूरा किया। उनकी 92 रन की साझेदारी ने भारतीय खेमे में चिंता की लकीरें खींच दी थीं। ऐसा लग रहा था कि इंग्लैंड की टीम भारत को पहली पारी में ही एक बड़ी बढ़त से पीछे छोड़ देगी।

जब हम भारतीय गेंदबाजी को देख रहे थे, तो ऐसा लग रहा था कि वे अपनी लय खो चुके हैं। न गेंद में वह धार दिख रही थी, न ही सही जगह पर गेंदबाजी हो रही थी। एक पल के लिए तो ऐसा लगा कि इंग्लैंड इस मैच को आसानी से अपनी मुट्ठी में कर लेगा।

भारतीय गेंदबाजों की ‘वापसी’ और मैदान पर गर्माहट

लेकिन टेस्ट क्रिकेट का असली मजा तो ‘वापसी’ में है। लंच के बाद मैदान पर एक अलग ही टीम इंडिया नजर आई। मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने मानो कसम खा ली थी कि वे अपनी टीम को यूं ही हारने नहीं देंगे। आकाशदीप ने डकेट को आउट कर भारत को पहली सफलता दिलाई। इसके बाद तो जैसे विकेटों की झड़ी लग गई। क्रॉली, पोप, रूट, और बेथल, कोई भी भारतीय गेंदबाजों के सामने ज्यादा देर नहीं टिक पाया।

मैच में गर्माहट तब बढ़ी जब प्रसिद्ध कृष्णा और जो रूट के बीच तीखी बहस हुई। एक क्रिकेट प्रेमी के लिए यह देखना दिलचस्प था कि कैसे शांत माने जाने वाले रूट भी कृष्णा की ‘स्लेजिंग’ से परेशान हो गए। यह दिखाता है कि जब मैच में तनाव बढ़ता है, तो सिर्फ खेल नहीं, बल्कि खिलाड़ियों की भावनाएं भी सामने आती हैं। प्रसिद्ध कृष्णा ने इसके बाद जिस तरह की गेंदबाजी की, वह काबिले तारीफ थी। उन्होंने चार विकेट झटककर इंग्लैंड के मध्य क्रम की कमर तोड़ दी। मोहम्मद सिराज ने भी 4 विकेट लेकर उनका बखूबी साथ निभाया। उनकी शानदार गेंदबाजी की बदौलत इंग्लैंड की टीम 247 रनों पर ऑलआउट हो गई और उन्हें सिर्फ 23 रन की मामूली बढ़त मिल पाई।

यशस्वी जायसवाल का तूफान और भारत का पलटवार

जब भारत अपनी दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरा, तो दिन का खेल खत्म होने में ज्यादा समय नहीं बचा था। ऐसे में एक संयमित शुरुआत की उम्मीद थी, लेकिन युवा यशस्वी जायसवाल ने कुछ और ही सोच रखा था। उन्होंने आते ही इंग्लैंड के गेंदबाजों पर हमला बोल दिया। उनके बल्ले से हर शॉट में एक आक्रामकता थी, जो न केवल स्कोरबोर्ड को चला रही थी, बल्कि इंग्लैंड के मनोबल को भी तोड़ रही थी।

यशस्वी ने महज 44 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया, जिसमें कई शानदार चौके और छक्के शामिल थे। हालांकि, उन्हें दो जीवनदान भी मिले, जो यह साबित करता है कि किस्मत भी बहादुरों का साथ देती है। मेरे जैसे लाखों क्रिकेट फैंस के लिए, यशस्वी की ये पारी एक संजीवनी की तरह थी। एक समय लग रहा था कि हम इस मैच में पिछड़ रहे हैं, लेकिन यशस्वी ने अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से भारत को न केवल बढ़त दिलाई, बल्कि मैच में फिर से हावी कर दिया।

केएल राहुल और साई सुदर्शन के विकेट जरूर गिरे, लेकिन दिन के अंत तक भारत ने 75 रन बना लिए थे और 52 रनों की बढ़त भी हासिल कर ली थी। इस बढ़त के साथ भारत ने मैच में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। यशस्वी जायसवाल का क्रीज पर टिके रहना एक बहुत बड़ी बात है।

खेल का परिणाम नहीं, खेल का रोमांच मायने रखता है

यह दिन एक क्रिकेट प्रेमी के लिए पूरी तरह से यादगार रहा। सुबह की निराशा, फिर इंग्लैंड की आक्रामक बल्लेबाजी, भारतीय गेंदबाजों की धमाकेदार वापसी, और अंत में यशस्वी जायसवाल की तूफानी पारी—यह सब एक साथ देखना एक अद्भुत अनुभव था। टेस्ट मैच का यही तो सबसे बड़ा आकर्षण है। यह सिर्फ एक खेल नहीं है, बल्कि भावनाओं का एक सागर है। इसमें एक पल में निराशा होती है, तो अगले ही पल उम्मीद की किरण जगमगा उठती है।

आज के दिन के बाद, इस मैच का रोमांच तीसरे दिन के लिए चरम पर पहुंच गया है। अब देखना यह है कि भारत इस बढ़त को कितना बड़ा कर पाता है और इंग्लैंड की टीम कैसे इसका सामना करती है। हम जैसे करोड़ों क्रिकेट प्रेमी बस यही दुआ कर रहे हैं कि यह मैच भारत के नाम हो, ताकि इस सीरीज का एक शानदार अंत हो सके।

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