लॉर्ड्स का युद्ध: चौथे दिन की कहानी, रोमांच और उम्मीदों का बवंडर


लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच चल रहा तीसरा टेस्ट मैच अपने चौथे दिन एक रोमांचक मोड़ पर आ खड़ा हुआ है। एक क्रिकेट प्रेमी के तौर पर, मैं इस दिन के हर पहलू को गहराई से देख रहा था, और सच कहूँ तो यह दिन भावनाओं के रोलरकोस्टर से कम नहीं था।


सुबह का सत्र: भारतीय पेस का तूफान और इंग्लैंड का बिखराव


चौथे दिन की शुरुआत हमेशा की तरह लॉर्ड्स की सुबह की नम हवा में हुई। पिच पर नमी ने भारतीय तेज गेंदबाजों के लिए एक आदर्श माहौल तैयार किया। मोहम्मद सिराज, जो कल शाम से ही अपनी लय तलाश रहे थे आज सुबह बिलकुल अलग दिखे। उनकी गेंदों में वो धार थी, वो रफ्तार थी, और सबसे बढ़कर वो आत्मविश्वास था जो किसी भी बल्लेबाज को परेशान करने के लिए काफी होता है। बेन डकेट और ओली पोप, जिन्होंने पहली पारी में कुछ हद तक संघर्ष किया था, आज सिराज के सामने बेबस नजर आए। सिराज ने उन्हें जल्दी पवेलियन भेजकर भारत को शानदार शुरुआत दिलाई। यह सिर्फ विकेट नहीं थे, यह इंग्लैंड के ड्रेसिंग रूम में डर का संचार था।


इसके बाद नितीश कुमार रेड्डी और आकाशदीप ने भी अपनी भूमिका बखूबी निभाई। जैक क्रॉली और हैरी ब्रूक जैसे आक्रामक बल्लेबाजों को उन्होंने बांधे रखा। ब्रूक, जो ‘बैजबॉल’ के नाम पर चौके-छक्कों की बारिश करने के लिए जाने जाते हैं, आज संयम खो बैठे। आकाशदीप की एक शानदार गेंद पर उन्होंने गैर-जिम्मेदाराना शॉट खेला और अपना विकेट फेंक दिया। यह क्षण दर्शाता है कि कैसे एक युवा गेंदबाज भी दबाव में बड़े खिलाड़ी को गलती करने पर मजबूर कर सकता है। आकाशदीप की हल्की चोट, हालांकि, भारतीय खेमे के लिए थोड़ी चिंता का विषय बनी, लेकिन उस समय तक उन्होंने अपना काम कर दिया था।


सुंदर की फिरकी का जादू और इंग्लैंड का पतन


लंच के बाद जब लगा कि इंग्लैंड थोड़ी वापसी कर सकता है, वाशिंगटन सुंदर ने अपनी फिरकी का जादू बिखेरना शुरू किया। इंग्लैंड की पिचें आमतौर पर स्पिनरों के लिए बहुत मददगार नहीं मानी जातीं लेकिन सुंदर ने अपनी चतुराई भरी गेंदबाजी से सबको हैरान कर दिया। उन्होंने जो रूट और बेन स्टोक्स जैसे स्थापित बल्लेबाजों को अपनी गेंदों पर नचाया। रूट का स्वीप पर आउट होना उनकी अति-आत्मविश्वास को दर्शाता है, जबकि स्टोक्स का बेतरतीब शॉट खेलना साफ बताता है कि भारतीय गेंदबाजों ने उन पर कितना दबाव बना दिया था।


सुंदर ने सिर्फ विकेट नहीं लिए उन्होंने रन गति पर भी लगाम लगाई। उनकी गेंदों में वेरिएशन था, पिच पर थोड़ा उछाल और टर्न भी मिल रहा था जिसका उन्होंने पूरा फायदा उठाया। जैमी स्मिथ और शोएब बशीर को आउट कर उन्होंने इंग्लैंड की पारी को 192 रनों पर समेटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जसप्रीत बुमराह ने भी निचले क्रम के बल्लेबाजों को जल्दी आउट कर भारत को 193 रनों का एक अपेक्षाकृत छोटा लक्ष्य दिया। उस समय लगा कि लॉर्ड्स में भारत की जीत तय है। स्टेडियम में भारतीय समर्थकों का शोर चरम पर था, हर किसी के चेहरे पर एक चमक थी, एक उम्मीद थी।

भारत की लड़खड़ाती शुरुआत: उम्मीदों पर ग्रहण


लेकिन क्रिकेट को ‘अनिश्चितताओं का खेल’ यूँ ही नहीं कहा जाता। जब भारतीय टीम 193 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी, तो माहौल में तनाव और उत्साह का अजीब मिश्रण था। यशस्वी जायसवाल, जिनके बल्ले से हाल ही में रन निकले हैं, जोफ्रा आर्चर की एक तेज़ गेंद पर गैरजिम्मेदाराना शॉट खेलकर जल्दी आउट हो गए। यह एक निराशाजनक शुरुआत थी लेकिन तब भी फैंस को भरोसा था कि केएल राहुल और करुण नायर पारी को संभाल लेंगे।


करुण नायर ने कुछ अच्छे शॉट्स खेले लेकिन ब्रायडन कार्स की एक इनस्विंग गेंद पर वो भी चलते बने। अब दबाव बढ़ने लगा था। शुभमन गिल, जो पिछले मैच की दोनों पारियो में शतक लगाकर टीम को जिताने में अहम् भूमिका निभाये, उन पर सबकी नजरें थीं। लेकिन कार्स की एक और शानदार गेंद ने उन्हें भी पवेलियन भेज दिया। 53 रन पर तीन विकेट गिर चुके थे और चिंता की लकीरें हर भारतीय चेहरे पर साफ दिख रही थीं।

दिन की आखिरी गेंद का वार और कल की चुनौती


फिर आए नाइट वॉचमैन के रूप में आकाशदीप। यह एक साहसिक फैसला था ताकि केएल राहुल पर से कुछ दबाव कम हो और ऋषभ पंत जैसे बल्लेबाज सुरक्षित रहें। लेकिन दिन की आखिरी गेंद पर, बेन स्टोक्स ने अपनी कप्तानी की चतुराई और अपनी गेंदबाजी की धार का प्रदर्शन किया। आकाशदीप को उन्होंने एक बेहतरीन गेंद पर आउट किया, और इसके साथ ही दिन का खेल समाप्त हो गया। 58 रन पर 4 विकेट, और जीत के लिए अभी भी 135 रनों की जरूरत।


यह आखिरी विकेट भारतीय टीम के लिए एक बड़ा झटका था। यह सिर्फ एक विकेट नहीं था, यह मनोवैज्ञानिक वार था। इंग्लैंड ने अपनी वापसी का जोरदार ऐलान किया है। अब पांचवें दिन का खेल पूरी तरह से रोमांचक होने वाला है। केएल राहुल, जो 33 रन बनाकर नाबाद हैं, पर बड़ी जिम्मेदारी होगी। उनके साथ ऋषभ पंत, रवींद्र जडेजा, नितीश कुमार रेड्डी और वाशिंगटन सुंदर जैसे बल्लेबाज मौजूद हैं, जो मैच का रुख पलटने का माद्दा रखते हैं।

आगे की राह: धैर्य, रणनीति और दृढ़ता

मेरा मानना है कि पांचवें दिन भारत को धैर्य और दृढ़ता से खेलना होगा। शुरुआती एक घंटा बेहद महत्वपूर्ण होगा। इंग्लैंड के गेंदबाज पूरी ऊर्जा और उत्साह के साथ आएंगे और भारतीय बल्लेबाजों को उनकी शुरुआती धार को झेलना होगा। केएल राहुल की बल्लेबाजी महत्वपूर्ण होगी। उन्हें एक छोर संभाले रखना होगा और छोटी-छोटी साझेदारियां बनानी होंगी। ऋषभ पंत का स्वभाव हमेशा से आक्रामक रहा है लेकिन उन्हें परिस्थितियों को समझना होगा और सूझबूझ से खेलना होगा।
यह टेस्ट मैच अब किसी भी ओर जा सकता है।

लॉर्ड्स के मैदान पर इतिहास रचने का मौका है, लेकिन उसके लिए आज के झटके को भूलकर कल एक नई शुरुआत करनी होगी। यह सिर्फ खेल नहीं, यह एक मनोवैज्ञानिक युद्ध है, और जो टीम दबाव में बेहतर प्रदर्शन करेगी, वही यह युद्ध जीतेगी। कल सुबह हर आंख लॉर्ड्स पर टिकी होगी, और मैं भी अपनी आँखों से इस रोमांचक मुकाबले के हर पल को कैद करने के लिए तैयार रहूँगा। यह टेस्ट क्रिकेट है, और यह अपनी अनिश्चितताओं से ही तो हमें रोमांचित करता है!

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