क्रिकेट, आखिर क्यों हम इस खेल से इतना प्यार करते हैं? इसकी एक वजह तो आज एजबेस्टन के मैदान पर साफ दिखी। भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरे टेस्ट का तीसरा दिन जिसने हमें भावनाओं के कई पड़ावों से गुजारा। सुबह जब खेल शुरू हुआ तो भारतीय खेमा आत्मविश्वास से भरा था लेकिन दिन के बीच में ऐसा लगा कि ‘बैजबॉल’ ने मैदान का रुख मोड़ दिया है। हालांकि, दिन के अंत में भारत ने अपनी पकड़ फिर मजबूत कर ली। यह सिर्फ रनों या विकेटों का खेल नहीं था, यह जुनून, दृढ़ता और वापसी की कहानी थी।
सुबह का स्पैल और सिराज का जलवा:

सुबह का पहला सेशन, हमेशा की तरह टेस्ट क्रिकेट का सबसे अहम हिस्सा होता है। इंग्लैंड ने दिन की शुरुआत 77/3 के स्कोर पर की थी, और भारतीय गेंदबाजों पर दबाव था कि वे जल्दी विकेट लेकर इंग्लैंड को ढेर करें। और फिर आया मोहम्मद सिराज का वो घातक स्पैल। जब गेंद उनके हाथों से निकली तो ऐसा लगा मानो उसमें आग लगी हो। जो रूट और बेन स्टोक्स जैसे अनुभवी बल्लेबाजों को जिस तरह से उन्होंने चलता किया, वह बताता है कि सिराज सिर्फ एक तेज गेंदबाज नहीं, बल्कि एक मैच विनर हैं। रूट का विकेट, खासकर, उस समय बेहद महत्वपूर्ण था क्योंकि वह इंग्लैंड की उम्मीदों के स्तंभ थे। स्टोक्स का गोल्डन डक (शून्य पर आउट होना) सिर्फ एक विकेट नहीं था, यह इंग्लैंड की बैटिंग लाइन-अप की कमर तोड़ने जैसा था। एक पल को लगा कि इंग्लैंड 100-120 के अंदर ही सिमट जाएगी।
ब्रूक और स्मिथ का पलटवार: एक सबक

क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है, यह कहावत आज एक बार फिर सच साबित हुई। मोहम्मद सिराज के दोहरे झटके के बाद जब इंग्लैंड का स्कोर 84 रन पर 5 विकेट था तो किसी ने नहीं सोचा था कि वे 400 का आंकड़ा पार कर पाएंगे। लेकिन हैरी ब्रूक और जेमी स्मिथ ने कुछ और ही ठान रखा था। यह सिर्फ उनकी बल्लेबाजी नहीं थी, यह उनके इरादे थे, उनका दृढ़ संकल्प था जिसने भारतीय खेमे को सोचने पर मजबूर कर दिया। जिस तरह से उन्होंने जवाबी हमला बोला, तेज गेंदबाजों को सम्मान देते हुए भी बाउंड्रीज बटोरीं, स्पिनरों को सहजता से खेला, वह देखने लायक था। ब्रूक का क्लास और स्मिथ की आक्रामक बल्लेबाजी का मेल ऐसा था, जिसने भारतीय फील्डरों के चेहरों पर चिंता की लकीरें ला दीं। 303 रनों की साझेदारी, यह सिर्फ एक साझेदारी नहीं थी, यह इंग्लैंड की वापसी का एक मजबूत बयान था। एक युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज का ऐसा जुझारूपन देखना वाकई शानदार था। जेमी स्मिथ ने जिस तरह से 184 रनों की नाबाद पारी खेली, वह दर्शाता है कि इंग्लैंड के पास सिर्फ ‘बैजबॉल’ नहीं, बल्कि धैर्य और दृढ़ता वाले खिलाड़ी भी हैं। उनकी पारी ने एलेक स्टीवर्ट का विकेटकीपर के तौर पर सर्वाधिक टेस्ट स्कोर का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।

दूसरे नई गेंद का जादू और भारतीय गेंदबाजों का दम:
लंच के बाद और चाय के बाद, जब लग रहा था कि ब्रूक और स्मिथ इंग्लैंड को एक बड़े स्कोर तक ले जाएंगे, तब भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने समझदारी दिखाते हुए नई गेंद ली। और इस बार फिर से भारतीय गेंदबाजों ने अपनी क्लास दिखाई। आकाश दीप, जिन्होंने कल शानदार शुरुआत की थी, उन्होंने ब्रूक की लंबी पारी का अंत किया। यह एक महत्वपूर्ण विकेट था, क्योंकि ब्रूक सेट हो चुके थे और भारत के लिए खतरा बने हुए थे। और फिर सिराज ने एक बार फिर अपनी लय पकड़ी और निचले क्रम के बल्लेबाजों को टिकने नहीं दिया। उन्होंने अपने 6 विकेट पूरे किए जो उनकी शानदार गेंदबाजी का सबूत है। आकाश दीप ने भी 4 विकेट लेकर सिराज का बखूबी साथ दिया। यह दिखाता है कि भारत के पास सिर्फ अनुभवी गेंदबाज नहीं बल्कि युवा प्रतिभाएं भी हैं जो दबाव में प्रदर्शन कर सकती हैं। इंग्लैंड का 407 पर ऑलआउट होना भारतीय टीम के लिए एक बड़ी राहत थी क्योंकि एक समय यह आंकड़ा 500 के पार जाता दिख रहा था।

भारत की दूसरी पारी की ठोस शुरुआत:
180 रनों की बढ़त के साथ, भारत के पास एक मनोवैज्ञानिक बढ़त थी। और यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल ने दूसरी पारी में जिस तरह की शुरुआत दी वह टीम के इरादे साफ बताती है। यशस्वी ने अपनी स्वाभाविक आक्रामक शैली से बल्लेबाजी की जबकि राहुल ने संयम दिखाया। हालांकि जायसवाल का विकेट गिरा लेकिन तब तक भारत ने एक मजबूत नींव रख दी थी। दिन का खेल समाप्त होने तक 244 रनों की कुल बढ़त हासिल करना, भारत को इस टेस्ट मैच में बेहद मजबूत स्थिति में ले आया है।

आगे की राह:
अब मैच के दो दिन बाकी हैं और भारत के पास एक बड़ी बढ़त है। पिच में अभी भी गेंदबाजों के लिए कुछ है खासकर तेज गेंदबाजों के लिए। भारत को कोशिश करनी होगी कि वह चौथे दिन इंग्लैंड को एक बड़ा लक्ष्य दे, ताकि उनके पास पांचवें दिन इंग्लैंड को आउट करने के लिए पर्याप्त समय हो। इंग्लैंड के लिए अब यह मैच बचाने से ज्यादा मैच को रोमांचक बनाने की चुनौती है। भारतीय बल्लेबाजों को संयम से खेलना होगा और एक बड़ा स्कोर खड़ा करना होगा।
यह टेस्ट क्रिकेट का असली रंग है। उतार-चढ़ाव, दबाव, और फिर वापसी। आज के दिन ने हर क्रिकेट प्रेमी के चेहरे पर मुस्कान लाई होगी, भले ही वह किसी भी टीम का समर्थक हो। अब निगाहें चौथे दिन पर हैं जब यह तय होगा कि इस रोमांचक मुकाबले का विजेता कौन बनता है। एक क्रिकेट प्रेमी के तौर पर मैं बस इतना कह सकता हूं कि आज का दिन शानदार था और कल का दिन इससे भी बेहतर होने की उम्मीद है।